करवाचौथ का त्योहार आने वाला है. हिन्दू धर्म ग्रंथ के अनुसार करवाचौथ सुहागन औरतों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है. यह हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है. अर्थात करवाचौथ का पर्व दिवाली के 10या 11दिन के पहले मनाया जाता है. इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा का दर्शन और पूजन करके व्रत खोलती हैं. इस व्रत में श्रृंगार का भी बहुत महत्त्व है.
इस साल इस दिन पड़ेगा करवा चौथ
इस साल 4 नवंबर 2020 को करवाचौथ का त्योहार मनाया जायेगा. सुहागन महिलाओं ने इसकी तैयारी करनी शुरू कर दी है.
जानें करवाचौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है तथा अगले दिन यानी 5 नवंबर 2020 को सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा. इस प्रकार इस बार महिलाओं को करवाचौथ का व्रत 13 घंटे 37 मिनट तक रखना होगा. इस व्रत का प्रारंभ 4 नवंबर को शुबह 6 बजकर 35 मिनट से रात 8 बजकर 12 मिनट तक होगा. उसके बाद ही चन्द्रमा का दर्शन –पूजन करके ही व्रत को विधि-विधान से समाप्त करना होगा. करवाचौथ के पूजन का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. इसी दौरान आपको करवा चौथ की पूजा को विधि-विधान से करना चाहिए.
करवाचौथ के दिन चंद्रोदय का समय क्या है?
व्रत रखने वाली महिलायें चंदमा को जल चढाने के बाद ही अपने पति के हाथ जल ग्रहण करके ही व्रत का समापन करती हैं. इस लिए इस व्रत में चंद्रमा का महत्त्व बढ़ जाता है. 4 नवंबर 2020 को चंद्रोदय का समय शाम को 08 बजकर 12 मिनट पर है.
करवाचौथ की पूजन विधि:
यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और चंद्र दर्शन के साथ ख़त्म होता है. इस व्रत में पूरे शिव परिवार- शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है. पूजा के वक्त पूर्व की और मुख करके बैठें. उसके बाद चंद्रमा का पूजन करें. अब पति को छलनी से देखें. इसके बाद पति के हाथ पानी पीकर व्रत का समापन करें.