जिस शब्द में बीजाक्षर है, उसी को ‘मंत्र’ कहते है। किसी मंत्र का बार-बार उच्चारण करना ही ‘मंत्र जप’ कहलाता है। किसी मंत्र का जब जप होता है, तब अव्यक्त चेतना पर उसका प्रभाव पड़ता है। मंत्र में एक लय होती है, उस मंत्र ध्वनि का प्रभाव अव्यक्त चेतना को स्पन्दित करता है। मंत्र जप से मस्तिष्क की सभी नसों में चैतन्यता का प्रादुर्भाव होने लगता है और मन की चंचलता कम होने लगती है। मंत्र जप के माध्यम से दो तरह के प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
1. मनोवैज्ञानिक प्रभाव Psychological effects
2. ध्वनि प्रभाव Sound Effects – मनोवैज्ञानिक प्रभाव तथा ध्वनि प्रभाव के समन्वय से एकाग्रता बढ़ती है और एकाग्रता बढ़ते से इष्ट सिद्धि का फल अवश्य मिलता है। मंत्र जप का मतलब है इच्छा शक्ति को तीव्र बनाना। इच्छा शक्ति की तीव्रता से क्रिया शक्ति भी तीव्र बन जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप इष्ट का दर्शन या मनोवांछित फल प्राप्त होता ही है। मंत्र अचूक होते हैं तथा शीघ्र फलदायक भी होते हैं।
मंत्र जप और स्वास्थ्य- लगातार मंत्र जप करने से उच्च रक्तचाप, गलत धारणायें, गंदे विचार आदि समाप्त हो जाते हैं। मंत्र जप का साइड इफेक्ट यही है। मंत्र में विद्यमान हर एक बीजाक्षर शरीर की नसों को उद्दीप्त करता है, इससे शरीर में रक्त संचार सही ढंग से गतिशील रहता है। ‘क्ली’, ‘ह्नी’ इत्यादि बीजाक्षरों को एक लयात्मक पद्धति से उच्चारण करने पर हृदय तथा फेफड़ों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है व उनके विकार नष्ट होते हैं। जप के लिए ब्रहा मुहूर्त को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि उस समय परा वातावरण शांन्ति पूर्ण होता रहता है, किसी भी प्रकार का कोलाहल या शोर नहीं होता। कुछ विशिष्ठ साधनाओं के लिए रात्रि का समय अत्यन्त प्रशस्त होता है। गुरू के निर्देशानुसार निर्दिष्ट समय में ही साधक को जप करना चाहिए। सही समय पर सही ढंग से किया हुआ जप अवश्य ही फलप्रद होता है।
अपूर्व आभा– मंत्र जप करने वाले साधक के चेहरे पर एक अपूर्व तेज छलकने लगता है, चेहरे पर एक अपूर्व आभा आ जाती है।
GANESH MANTRA |
Vakratund Mahakay Suryakoti Samaprabha। Nirvighnam Kuru Me Dev Sarvakaryeshu Sarvada ।। |
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।। |
GANESH GAYATRI MANTRA |
Om Ekdantaya Vidmahe Vakratundaya | Dheemahi Tanno Danti Prachodayat ।। |
ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय | धीमहि तन्नो दंति प्रचोदयात ।। |
GANESH BEEJ MANTRA |
Om Gang Ganpataye Namah ।। |
ॐ गं गणपतये नमः ।। |
SHANI VEDIK MANTRA |
Om Shanno Devirabhishtaya Aapo Bhawantu Peetaye । Shanyorabhi Sravantu Nah ।। |
ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु नह: ।। |
SHANI PAURANIK MANTRA |
Nilanjan Samabhasam Raviputram Yamagrajam । Chhayamartandasambhutam tam namami shanaischaram ।। |
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम । छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम ।। |
NAVGRAH MANTRA |
Bramha Muraristripurantakari Bhanu Shashi Bhumisuto Budhashcha Gurushcha Shukrah Shanirahuketava Survey Graha Shantikara Bhavantu ।। |
ब्रम्हा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमिसुतो बुधश्च गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः सर्वे ग्रह शान्तिकरा भवन्तु ।। |
SUN MANTRA |
Om Ghrani Surya Namah ।। |
ॐ घ्रणि सूर्याय नमः ।। |
MOON MANTRA |
Om Som Somay Namah ।। |
ॐ सोम सोमाय नमः ।। |
MARS MANTRA |
Om Ang Angarkaya Namah ।। |
ॐ अं अंगारकाय नमः ।। |
MERCURY MANTRA |
Om Bum Budhay Namah ।। |
ॐ बुं बुधाय नमः ।। |
JUPITER MANTRA |
Om Gang Guruvay Namah ।। |
ॐ गं गुरुवे नमः ।। |
VENUS MANTRA |
Om Shung Shukray Namah ।। |
ॐ शुं शुक्राय नमः ।। |
SATURN MANTRA |
Om Shan Shanaishcharaye Namah ।। |
ॐ शं शनैश्चराय नमः ।। |
RAHU MANTRA |
Om Rang Rahve Namah ।। |
ॐ रां राहवे नमः ।। |
KETU MANTRA |
Om Ken Ketve Namah ।। |
ॐ कें केतवे नमः ।। |
SUN BEEJ MANTRA |
Om Hrang Hreeng Hraung Sah Suryay Namah ।। |
ॐ ह्रां ह्रीँ ह्रौं सः सूर्याय नमः ।। |
MOON BEEJ MANTRA |
Om Shrang Shreeng Shraung Sah Chandramase Namah ।। |
ॐ श्रां श्रीं श्रों सः चन्द्रमसे नमः ।। |
MARS BEEJ MANTRA |
Om Krang Kreeng Kraung Sah Bhaumay Namah ।। |
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः ।। |
MERCURY BEEJ MANTRA |
Om Bram Breem Braum Sah Budhay Namah ।। |
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः ।। |
JUPITER BEEJ MANTRA |
Om Gram Greem Graum Sah Guruve Namah ।। |
ॐ ग्रां ग्री ग्रौं सः गुरुवे नमः ।। |
VENUS BEEJ MANTRA |
Om Dram Dreem Draum Sah Shukray Namah ।। |
ॐ द्राम द्रीम द्रौं सः शुक्राय नमः ।। |
SATURN BEEJ MANTRA |
Om Pram Preem Praum Sah Shanaishcharaye Namah ।। |
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ।। |
RAHU BEEJ MANTRA |
Om Bhram Bhreem Bhraum Sah Rahve Namah || |
ॐ भ्राम भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः ।। |
KETU BEEJ MANTRA |
Om Sram Sreem Sraum Sah Ketve Namah || |
ॐ स्राम स्रीम स्रौं सः केतवे नमः ।। |
MAHALAXMI PURARNOKTA MANTRA |
Ya Devi Sarvabhooteshu Laxmirupen Sansthita | Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah || |
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।। |
MAHALAXMI BEEJ MANTRA |
Om Shreeng Mahalaxmaye Namah ।। |
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ।। |
MAHALAXMI MAHA MANTRA |
Om Shreeng Hreeng Shreeng Kamale Kamalalaye Praseed Praseed | Shreeng Hreeng Shreeng Om Mahalaxmye Namah || |
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद । श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः ।। |
MAHALAXMI GAYATRI MANTRA |
Om Mahalaxmaye Cha Vidmahe Vishnupatnaye Cha Dheemahi Tanno Laxmih Prachodayat ।। |
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्नायै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ।। |
TRIPUR SUNDARI BEEJ MANTRA |
Om Shree Shree Lalita Mahatripursundraye Shree Mahalaxmaye Namah ।। |
ॐ श्रीं श्री ललिता महात्रिपुरसुन्द्रे श्री महालक्ष्म्यै नमः ।। |
SHIV GAYATRI MANTRA |
Om Tatpurushaye Vidmahe Mahadevaye Dhimahi Tanno Rudrah Prachodayat ।। |
ॐ तत्पुरुषे विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात् ।। |
GAYATRI MANTRA |
Om Bhur Bhuvah Swah Tatsaviturvarenyam Bhargo Devasya Dheemahi Dhiyo Yo Nah Prachodayaat ।। |
ॐ भूर्भुवः स्वः ततसवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धीयो यो न प्रचोदयात् ।। |
PUTRA PRAPTI MANTRA |
Om Devaki Sut Govinda Vasudev Jagatpate । Dehi Mey Tanayam Krishna Twamaham Sharnam Gatah ।। |
ॐ देवकीसुतगोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणम गत: ।। |
PATNI PRAPTI MANTRA |
Patni Manoramam Dehi Manovrittanusarinim । Tarinim Durgasansarsagarasya Kulodbhawam ।। |
पत्नी मनोरमं देहि मनोवृत्तानुसारिणीम् । तारिणीम दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् ।। |
VAR PRAPTI MANTRA |
Hey Gauri Shankrardhangi Yatha Twam Shankarpriya Tatha Maam Kuru Kalyani Kantkantam Sudurlabhaam ।। |
हे गौरी शंकरार्धांगी यथा त्वम् शंकरप्रिया तथा मां कुरु कल्याणी कान्तकांतम सुदुर्लभम् ।। |
MAHA MRITYUNJAY MANTRA |
Om Trayambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam Urvarukmiv Bandananmrityormukshiya Mamritat ।। |
ॐ त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योरमुक्षीय मामृतात ।। |
MAHA MRITYUNJAY BEEJ MANTRA |
Om Haung Jung Sah Om ।। |
ॐ हौं जूं स: ॐ ।। |
SHADPRANAVYUKTA MAHA MRITYUNJAY MANTRA |
Om Haung Jung Sah Om Bhurbhuvah Swah Om Trayambakam Yajamahe Sugandhimpushtivardhanam Urvarukmiv Bandhananmrityormukshiya Mamritat || Om Swah Bhuvah Bhuh Om Sah Jung Haung Om ।। |
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योरमुक्षीय मामृतात ।। ॐ स्वः भुवः भुः ॐ स: जूं हौं ॐ ।। |
ROG NAASHAK MANTRA |
Rogansheshanapahansi Tusta Rusta Tu Kaman Sakalanbhishtan । Tvamashritanam Na Vipannarana Tvamashrita Hyashrayataan Prayanti ।। |
रोगनशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कमन सकलानभीष्टान। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति ।। |
SAMPOORNA VIDYA PRAPTI MANTRA |
Vidyah Samastastava Devi Bhedah Striyah Samastah Sakala Jagatsu Twayakaya Puritamambaitaat ka te Stutih Stavyapara Parokti ।। |
विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः। स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु त्वयैकया पुरितमम्बयैतत का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः ।। |
SARASWATI MANTRA |
Om Aing Maharaswatyai Namah ।। |
ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः ।। |
VIDYA PRAPTI MANTRA |
Om Aing Hreeng Shreeng Vegdevyai Namah ।। |
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै नमः ।। |
BAGLAMUKHI MANTRA |
Om Hleem Bagalamukhi Sarvdushtanaam Vacham Mukham Padam Stambhay । Jeehvaam Keelay Buddhim Vinashay Hleem Om Swaha ।। |
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ स्वाहा ।। |
BATUK BHAIRAV MANTRA |
Om Hreeng Batukay Aapadudharnay Kuru Kuru Batukay Hreeng Om Swaha ।। |
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाये कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ स्वाहा ।। |
BATUK BHAIRAV BEEJ MANTRA |
Om Bang Batuk Bhairvaaye Namah ।। |
ॐ बं बटुक भैरवाय नमः ।। |
SHIV MANTRA |
Om Namah Shivay ।। |
ॐ नमः शिवाय ।। |
HANUMAAN BEEJ MANTRA |
Om Hang Hanumataye Namah ।। |
ॐ हं हनुमते नमः ।। |
HANUMAAN MANTRA |
Om Hang Hanumataye Rudratamakaye Hum Phat Swaha ।। |
ॐ हं हनुमते रूद्रात्मकाये हु फट स्वाहा ।। |
NARAYAN MANTRA |
Om Hreem Hreem Shreem Shreem Laxminarayanaaya Namah ।। |
ॐ ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नमः ।। |
NARAYAN BEEJ MANTRA |
Om Namo Narayanaaya ।। |
ॐ नमो नारायणाय ।। |
VISHNU MANTRA |
Om Namo Bhagwate Vasudevaya ।। |
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ।। |
KAAL SARP MANTRA |
Om Kraung Namo Astu Sarpebhyo Kaalsarp Shanti Kuru Kuru Swaha ।। |
ॐ क्रौं नमो अस्तु सरपेभ्यो कालसर्प शांती कुरु कुरु स्वाहा ।। |
SARP MANTRA |
Om Namostu Sarpebhyo Ye Ke Cha Prithiveemanu Ye Antrikshe Ye Divi Tebhyah Sarpebhyo Namah ।। |
ॐ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु ये अंतरीक्षे ये दिवि तेभ्य सरपेभ्यो नमः ।। |
SARP BEEJ MANTRA |
Om Sarpebhyo Namah ।। |
ॐ सरपेभ्यो नमः ।। |
SARVA BAADHA MUKTI MANTRA |
Sarvabadha Vinirmukto, Dhandhanyasutanvitah । Manushyo Matprasaden Bhavishyati Na Sanshyah ।। |
सर्व बाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्य सुतान्वितः । मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।। |
SARVA KALYAANI MANTRA |
Sarv Mangal Mangalye Shive Sarvarth Sadhike Sharanye Trayambke Gouri Narayani Namostute ।। |
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।। |
SHAKTI DAAYINI MANTRA |
Srishtisthiti Vinashanam Shaktibhute Sanatani Gunnashraye Gunamaye Narayani Namostute ।। |
सृष्टीस्थिति विनाशं शक्तिभूते सनातनी गुणश्रये गुणमये नारायणी नमोस्तुते ।। |
SAMASYA NIDAAN MANTRA |
Sarvaswarupe Sarveshe Sarvashakti Samanvite Bhaye Bhyastraahi No Devi Durge Devi Namostute ।। |
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ती समन्विते भयेभ्यस्त्राहि देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते ।। |
SURAKSHA MANTRA |
Shulen Pahi No Devi Pahi Khadgen Chambike Ghanta Swanen Nah Pahi, Chapajyanihswanen Cha ।। |
शुलेन पाहि नो देवी! पाहि खडगेन चंबिके। घंटास्वनेन न: पाहि, चापज्यानि: स्वनेन च ।। |
SAUBHAGYA MANTRA |
MAHAMAARI NIVAARAN MANTRA |
PAAP MUKTI MANTRA |
MUKTI PRAPTI MANTRA |
SHATRU NISHPHALIKARAN MANTRA |
DURGA MANTRA |
CHAMUNDA MANTRA |
MAATANGI MANTRA |
VASHIKARAN MANTRA |
PATI VASHIKARAN MANTRA |
BHAY NIVAARAN MANTRA |
DURGA MANTRA |
Om Jayanti Mangala Kali Bhadrakali Kapalini । Durga Kshma Shiva Dhatri Swaha Swadha Namostute ।। |
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते ।। |