स्त्रियों के लिए क्‍यों वर्जित है गायत्री मंत्र का जाप, क्‍या होता है असर

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हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवता हैं और उन्‍हें प्रसन्‍न करने के लिए उनके विशेष मंत्र बनाए गए हैं। शास्‍त्रों में मंत्रोंच्‍चारण को सर्वोपरि माना गया है। इनके अनुसार मंत्र जाप से अत्‍यंत शीघ्रता से देवी-देवता प्रसन्‍न होते हैं। मंत्रों में गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है।

भगवान शिव इस संसार में सर्वशक्‍तिशाली हैं और उन्‍हें स्‍वयंभू भी माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए ही गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है। मान्‍यता है कि इस मंत्र के जाप से भक्‍तों के जीवन के सब कष्‍ट दूर हो जाते हैं।

अनेक शक्‍तियां हैं समाहित

आपको जानकर हैरानी होगी कि संसार के सबसे बड़े देवता एवं भगवान शिव के गायत्री मंत्र में अनेक शक्‍तियां समाहित होती हैं। इस मंत्र का जाप करने के बाद से ही आपको इसके अंदर निहित शक्‍तियों का आभास होने लगता है। सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस मंत्र की रचना की गई थी।

परमभक्‍त ने बनाया था मंत्र

किवदंती है कि परमज्ञानी रावण यानि लंका का राजा लंकेश, भगवान शिव का परम भक्‍त था। उसने ही भगवान शिव को प्रसन्‍न करने और वरदान प्राप्‍त करने के लिए गायत्री मंत्र की रचना की थी। ब्रह्मऋषि विश्‍वामित्र के ऋग्‍वेद में भी इस मंत्र का उल्‍लेख मिलता है। रावण की कठोर तपस्‍या से प्रसन्‍न होकर भगवान शिव ने उसे कई वरदान और शक्‍तियां प्रदान की थीं।

कौन कर सकता है मंत्र का जाप

धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार इस मंत्र को उच्‍च स्‍थान दिया गया है और इसीलिए केवल पुरुषों को ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। शास्‍त्रों के अनुसार जनेऊ धारण करने वाले लोगों को ही गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

सूर्य का भी है गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र का जाप करने से भगवान शिव तो प्रसन्‍न होते ही हैं साथ ही सूर्य देव की कृपा भी इस मंत्र से मिलती है। मान्‍यता है कि सूर्योदय और सूर्यास्‍त के समय इस मंत्र का जाप करने से सूर्य देव की विशेष कृपा के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

सूर्य देव की उपासना से अत्‍यधिक पुण्‍य की प्राप्‍ति होती है। जीवन में सफलता पाने के इच्‍छुक लोगों को सूर्य देव को प्रसन्‍न करने के लिए गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। करियर एवं व्‍यापार में तरक्‍की के लिए भी गायत्री मंत्र का जाप शुभ रहता है।

क्‍या स्त्रियों के लिए वर्जित है मंत्र जाप

गायत्री है। मंत्र के बारे में कहा जाता है कि स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। शास्‍त्रों के आधार पर कहा जाता है कि स्त्रियों के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना अच्‍छा नहीं होता है। ये मान्‍यता सदियों पुरानी है। प्राचीन समय में स्त्रियां भी जनेऊ धारण करती थीं और पुरुषों की तरह धार्मिक कार्यों में हिस्‍सा लेती थीं लेकिन समय बदलने के साथ धार्मिक मान्‍यताओं में भी बदलाव आ गया।

क्‍यों नहीं कर सकतीं मंत्र जाप

महिलाओं के लिए गायत्री मंत्र के जाप को वर्जित करने की वजह है स्त्रियों को होने वाला मासिक धर्म। जी हां, हिंदू धर्म में मासिक धर्म के दौरान स्त्रियों को धार्मिक कार्यों और अनुष्‍ठानों से दूर रखा जाता है इसलिए उन्‍हें गायत्री मंत्र का जाप करने से भी मना किया गया है।

मान्‍यता है कि स्‍त्री द्वारा गायत्री मंत्र का जाप करने से महिलाएं पुरुष की तरह व्‍यवहार करने लगती हैं और इस मंत्र की शक्‍ति और प्रभाव से उनके शारीरिक अंगों और त्‍वचा पर भी इसका असर पड़ने लगता है। चेहरे पर अनचाहे बाल आना और मासिक धर्म में दिक्‍कत आना गायत्री मंत्र का ही अशुभ प्रभाव माना जाता है।

गर्भवती महिलाओं पर मंत्र का प्रभाव

धार्मिक मान्‍यता के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप गर्भवती महिलाओं को भी नहीं करना चाहिए। यदि गर्भावस्‍था के दौरान या बच्‍चे को जन्‍म देने के बाद स्त्रियां गायत्री मंत्र का जाप करती हैं तो इससे उन्‍हें स्‍तनों में दूध आने में कठिनाई होती है या दूध का स्राव कम होने लगता है।

आपको बता दें कि इन धार्मिक मान्‍यताओं और तथ्‍यों का कोई प्रमाणिक आधार नहीं है। ये तो बस सुनी-सुनाई बातें हैं जबकि इनकी सच्‍चाई का कोई प्रमाण नहीं है। हिंदू धर्म में पूजन एवं मंत्र जाप को लेकर महिलाओं के संबंध में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं जिनमें से एक शायद ये भी है कि महिलाओं को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।

आज स्त्रियां हर वो कार्य करती हैं जो पुरुष करते हैं और वो किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं हैं बल्कि उनसे ज्‍यादा ही हैं। ये तो बस एक भ्रांति है कि महिलाएं गायत्री मंत्र का जाप नहीं कर सकती हैं। शायद इस भ्रांति का आधार भगवान शिव का वैरागी होना है लेकिन जो भी हो महिलाएं गायत्री मंत्र का जाप कर सकती हैं क्‍योंकि ऐसा ना करने कोई प्रमाण मौजूद नहीं. I