मनुष्य के जीवन में पंचतत्व (प्रकृति) के पांच ऋण

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मनुष्य को पंचतत्व (प्रकृति) के पांच ऋण चुकाने होते हैं :-

1. माता का ऋण (जलतत्व) 
2. पिता का ऋण (अग्नितत्व)
3. गुरु का ऋण (आकाशतत्व)
4. घरती का ऋण (पृथ्वीतत्व)
5. धर्म का ऋण (वायुतत्व)

इन ऋणो को चुकाने के निम्न उपाय भी बताये गये हैं :- 

1. माता का ऋण चुकाने के लिये - कन्या दान करना चाहिए या माता, पत्नी, बेटी, बहन को गिफ्ट उपहार जरूर देना चाहिए।

2. पिता का ऋण चुकाने के लिए - संतान उत्पत्ति करनी चाहिए या वह जरूरतमंद जिसके यहाँ सन्तान उत्पत्ति हुआ है या होने वाला है उनके लिए आर्थिक मदद देना चाहिए।

3. गुरु ऋण चुकाने के लिए -  लोगों को शिक्षित करना चाहिए, ज्ञान ऐसा बांटना चाहिए जिससे मानव ही नही उसमे प्रकर्ति के हर प्राणीमात्र की भलाई हो।

4. घरती का ऋण चुकाने के लिए - कृषि करें या पेड लगाएं या अन्न दान करना चाहिए।

5. धर्म का ऋण चुकाने के लिये - धर्म की रक्षा व धर्म का प्रचार के लिए समय दें धर्म उसी को कहते है जिसमे हर व्यक्ति का भला हो इसका प्रचार करना चाहिए।