वास्तु में दिशाओं का बहुत महत्व है। घर की दक्षिण दिशा की भूमि तुलनात्मक रूप से ऊंची होनी चाहिए। इस दिशा की भूमि पर भार रखने से गृहस्वामी सुखी, समृद्ध और निरोगी होता है। घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में अग्निदेव का वास होता है। इसलिए वास्तु शास्त्र में इस कोने को आग्नेय कोण कहा गया है।
दक्षिण-पूर्व (Southeast) दिशा में पकाया गया भोजन सेहत के लिए अच्छा होता है जिससे उस घर में रहने वाले लोगों की उम्र बढ़ती है। ज्योतिष के बृहत्संहिता ग्रंथ में बताया गया है कि इस दिशा में किचन (chen) होने से उस घर में रहने वाले लोग आर्थिक रूप से समृद्ध होते हैं। आइए जानते हैं दक्षिण-पूर्व दिशा से जुड़ी खास बातें।